संकल्पना- “लक्ष्य अंत्योदय प्रण अंत्योदय पथ अंत्योदय” की संकल्पना को साकार करना।
योजना की शुरूआत-
पूर्व संचालित अन्नपूर्णा रसोई योजना (दिसम्बर 2016/ मोबाइल वेन) का प्रतिस्थापन कर 20 अगस्त, 2020 को ‘कोई भी भूखा नहीं सोए’ के संकल्प के साथ राज्य
के सभी 213 नगरीय निकायों में “इंदिरा रसोई योजना” नाम से 358 रसोईयों का शुभारंभकिया गया था। जिसे 6 जनवरी 2024 में सरकार द्वारा नाम बदलकर ” श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना” कर दिया गया ।
योजनान्तर्गत आमजन को 8 रु. में प्रति थाली में दो समय (दोपहर एवं रात्रिकालीन) का स्थायी रसोईयों में सम्मानपूर्वक बैठाकर शुद्ध व पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा 22 रु. प्रति थाली अनुदान (पहले 17रु. प्रति थाली अनुदान)।
इस हेतु प्रतिवर्ष 250 करोड़ रुपयें का प्रावधान। (बजट 2024-25 में बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष)
प्रतिवर्ष 5.47 करोड़ भोजन थाली परोसी जाकर लोगों को लाभांवित करने का लक्ष्य (आवश्यकतानुरूप बढ़ाया जा सकता है)।
भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 300 ग्राम चपाती व आचार व 100 ग्राम मिलेट्स खिचड़ी सम्मिलित है। (ज्यादा वजन एवं ज्यादा पौष्टिक थाली)
भोजन सामग्री का वजन बढ़ाकर 600 ग्राम किया गया जो पहले 450 ग्राम प्रति थाली था। अब एक समय के लिए एक ही कूपन दिया जाता है (जून 2024 से पहले आवश्यकता होने पर दोनों पर एक व्यक्ति को दो कूपन दिए जा सकते थे)